महाकुंभ 2025 की तैयारियों का जायजा लेने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 23 दिसंबर को संगमनगरी प्रयागराज पहुंचे। उनके इस दौरे का उद्देश्य महाकुंभ आयोजन से जुड़ी सभी गतिविधियों का निरीक्षण और समीक्षा करना है। इस लेख में उनके दौरे और महाकुंभ की तैयारियों के विभिन्न पहलुओं को विस्तार से कवर किया गया है।
महाकुंभ की तैयारियों का जायजा
सीएम योगी का आगमन और प्राथमिक कार्य
सीएम योगी आदित्यनाथ दोपहर 12:55 बजे प्रयागराज पहुंचे। उनके दौरे की शुरुआत नैनी और अरैल क्षेत्र में स्थापित टेंट सिटी और पक्के स्नान घाटों के निरीक्षण से हुई। यहां उन्होंने जेटी निर्माण कार्यों की प्रगति की भी समीक्षा की।
प्रयागराज आगमन के बाद मुख्यमंत्री ने सबसे पहले महाकुंभ क्षेत्र में चल रहे निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया। टेंट सिटी और स्नान घाटों की गुणवत्ता और उनकी समयसीमा को ध्यान में रखते हुए उन्होंने अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।
प्रमुख स्थलों का निरीक्षण
सीएम योगी ने विभिन्न प्रमुख स्थलों का निरीक्षण किया, जो महाकुंभ आयोजन के लिए महत्वपूर्ण हैं। इनमें शामिल हैं:
- सर्किट हाउस:
- मेला क्षेत्र में बने सर्किट हाउस का निरीक्षण किया।
- सुविधाओं का जायजा लिया और अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए। सर्किट हाउस में ठहरने की व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाने के लिए सुझाव दिए गए।
- दशाश्वमेध घाट:
- मुख्यमंत्री ने दशाश्वमेध घाट पर पूजा-अर्चना की।
- यहां स्वच्छता आरती का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्यमंत्री ने खुद हिस्सा लिया। उन्होंने महाकुंभ को स्वच्छ और पर्यावरण के अनुकूल बनाने का संदेश दिया।
- एसआरएन मेडिकल कॉलेज:
- मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण किया और स्वास्थ्य सेवाओं की तैयारी का आकलन किया।
- चिकित्सा सुविधाओं को उन्नत बनाने और इमरजेंसी सेवाओं को प्रभावी रूप से संचालित करने के लिए सुझाव दिए।
- प्रयागराज रेलवे जंक्शन और सूबेदारगंज फ्लाईओवर:
- यात्री सुविधाओं की जांच की और अधिकारियों से यातायात सुगमता के लिए चर्चा की।
- उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं की भीड़ को संभालने के लिए पुख्ता प्रबंधन किया जाए।
मेला क्षेत्र में कार्यों की प्रगति
महाकुंभ मेला क्षेत्र में विभिन्न कार्य प्रगति पर हैं। मुख्यमंत्री ने यहां के निम्नलिखित बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित किया:
- स्नान घाट: पक्के स्नान घाटों और जेटी के निर्माण कार्य का निरीक्षण किया।
- टेंट सिटी: टेंट सिटी के निर्माण की गुणवत्ता और समयसीमा का आकलन किया।
- सर्किट हाउस: यहां पर ठहरने की व्यवस्थाओं की समीक्षा की।
महाकुंभ 2025: आयोजन की प्रमुख तिथियां
महाकुंभ, जो हर 12 साल में एक बार आयोजित होता है, 13 जनवरी 2025 से शुरू होगा और 26 फरवरी 2025 को समाप्त होगा। इस दौरान तीन मुख्य स्नान उत्सव होंगे:
- 14 जनवरी: मकर संक्रांति (पहला शाही स्नान)
- 29 जनवरी: मौनी अमावस्या (दूसरा शाही स्नान)
- 3 फरवरी: बसंत पंचमी (तीसरा शाही स्नान)
यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक और सामाजिक एकता का भी प्रतीक है। लाखों श्रद्धालु संगम में स्नान करने के लिए इस पवित्र अवसर पर यहां जुटते हैं।
संस्कृति और पर्यटन को बढ़ावा
डीलक्स टेंट सिटी का निर्माण
उत्तर प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम (यूपीएसटीडीसी) महाकुंभ क्षेत्र में 300 बिस्तरों वाला डीलक्स छात्रावास स्थापित कर रहा है। इस परियोजना का उद्देश्य आगंतुकों को प्रीमियम आवास सुविधाएं प्रदान करना है।
टेंट सिटी के निर्माण में आधुनिक सुविधाओं को शामिल किया जा रहा है, ताकि श्रद्धालु आरामदायक और सुरक्षित अनुभव प्राप्त कर सकें। यह डीलक्स टेंट सिटी महाकुंभ में आने वाले आगंतुकों के लिए एक बड़ी सुविधा होगी।
सांस्कृतिक मंचों की स्थापना
यूपी का संस्कृति विभाग प्रयागराज में 20 छोटे मंच स्थापित करेगा। इन मंचों पर 45 दिनों तक देश की विविध सांस्कृतिक धरोहर प्रस्तुत की जाएगी। इन मंचों का उद्देश्य पर्यटकों, भक्तों और स्थानीय निवासियों को भारतीय संस्कृति और परंपरा से जोड़ना है।
- लोक नृत्य और संगीत प्रस्तुतियां।
- भारतीय कला और साहित्य के प्रदर्शन।
- धार्मिक और आध्यात्मिक प्रवचन।
समीक्षा बैठक
मुख्यमंत्री ने मेला प्राधिकरण सभागार में अधिकारियों और संबंधित विभागों के साथ महाकुंभ की तैयारियों पर विस्तृत समीक्षा बैठक की। इस बैठक में उन्होंने महाकुंभ से जुड़े सभी प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की।
निर्देश और प्राथमिकताएं:
- साफ-सफाई और पर्यावरण संरक्षण:
- स्नान घाटों और पूरे मेला क्षेत्र की स्वच्छता सुनिश्चित की जाए।
- प्लास्टिक कचरे को नियंत्रित करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
- यातायात प्रबंधन:
- रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और फ्लाईओवर पर यातायात को सुगम बनाया जाए।
- भीड़ को नियंत्रित करने के लिए वॉलंटियर्स की तैनाती हो।
- स्वास्थ्य सेवाएं:
- मेडिकल सुविधाओं को उन्नत किया जाए।
- आपातकालीन सेवाओं के लिए डॉक्टरों और एंबुलेंस की पर्याप्त व्यवस्था हो।
- तकनीकी समन्वय:
- महाकुंभ में आने वाले आगंतुकों के लिए डिजिटल गाइडेंस और सूचना केंद्र स्थापित किए जाएं।
- जल आपूर्ति और बिजली व्यवस्था:
- मेला क्षेत्र में निर्बाध जल और बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।
महाकुंभ 2025 का महत्व
महाकुंभ सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, अध्यात्म, और समर्पण का प्रतीक है। लाखों श्रद्धालुओं के संगम में स्नान के लिए जुटने का यह आयोजन विश्व स्तर पर भारत की पहचान बनाता है।
स्थानीय और राष्ट्रीय प्रभाव:
- पर्यटन उद्योग:
- महाकुंभ के माध्यम से प्रयागराज और उत्तर प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
- स्थानीय व्यवसायों को आर्थिक लाभ होगा।
- सांस्कृतिक एकता:
- यह आयोजन विविधता में एकता का संदेश देता है।
- यहां विभिन्न पंथों और संस्कृतियों के लोग एकत्र होते हैं।
- आर्थिक विकास:
- होटल, परिवहन और अन्य सेवाओं में भारी वृद्धि होती है।
- स्थानीय कारीगरों और व्यापारियों के लिए नए अवसर उत्पन्न होते हैं।