मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया उद्घाटन
लखनऊ के केडी सिंह बाबू स्टेडियम में मंगलवार को ‘अटल युवा महाकुम्भ’ का भव्य आयोजन किया गया। इस आयोजन का उद्घाटन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया। यह कार्यक्रम भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और ‘भारत रत्न’ अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया।
इस महाकुम्भ का मुख्य विषय ‘कदम से कदम मिलाकर चलना होगा’ था, जो अटल जी की प्रसिद्ध कविता से प्रेरित है। इस आयोजन का उद्देश्य अटल जी की स्मृतियों को सजीव करना और युवाओं को उनकी विचारधारा से प्रेरणा देना था।
अटल जी के प्रति श्रद्धांजलि
“कुम्भ महोत्सव का अद्भुत स्वरूप”
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ‘अटल युवा महाकुम्भ’ जैसा आयोजन अटल जी के प्रति देशवासियों की गहरी श्रद्धा और प्रेम का प्रतीक है। उन्होंने इसे भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक परंपराओं से जोड़ते हुए कहा कि यह आयोजन कुम्भ महोत्सव के रूप में देश की पहचान को पुनः जीवंत करता है।
योगी आदित्यनाथ ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा,
“यदि हम अटल जी की कविता के संदेश को अपनाकर कदम से कदम मिलाकर चलें, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होगा।”
उन्होंने इसे अटल जी के योगदान को स्मरण करने का एक महान अवसर बताया और युवाओं से एकजुट होकर समाज के उत्थान में योगदान देने की अपील की।
निबंध और भाषण प्रतियोगिताएं: बच्चों की अद्भुत प्रतिभा
कार्यक्रम के दौरान स्कूली बच्चों ने निबंध और भाषण प्रतियोगिताओं में भाग लिया। इन प्रतियोगिताओं में बच्चों ने अटल जी के जीवन, उनके योगदान और विचारधारा पर अपने विचार प्रस्तुत किए। विजेता बच्चों को मुख्यमंत्री और रक्षा मंत्री द्वारा सम्मानित किया गया।
मुख्य आकर्षण:
- विजेताओं को पुरस्कार स्वरूप ट्रॉफी और प्रमाणपत्र प्रदान किए गए।
- बच्चों को मुख्यमंत्री और रक्षा मंत्री ने चॉकलेट भी वितरित की।
- बच्चों के लिए यह एक प्रोत्साहन और प्रेरणा का अनूठा अनुभव था।
राजनाथ सिंह ने बच्चों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा,
“इस तरह की प्रतियोगिताएं न केवल बच्चों की रचनात्मकता को बढ़ावा देती हैं, बल्कि उन्हें अटल जी जैसे महान व्यक्तित्वों से प्रेरणा लेने का अवसर भी प्रदान करती हैं।”
सांस्कृतिक और शैक्षिक कार्यक्रम
‘अटल युवा महाकुम्भ’ में दिनभर विभिन्न सांस्कृतिक और शैक्षिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इसमें नाट्य प्रस्तुतियां, कविता पाठ और संगीत कार्यक्रम प्रमुख थे। इन प्रस्तुतियों ने अटल जी के जीवन और उनके आदर्शों को खूबसूरती से चित्रित किया।
कार्यक्रम का उद्देश्य नई पीढ़ी को अटल जी की विचारधारा से जोड़ना था।
प्रमुख आकर्षण:
- अटल जी की कविताओं पर आधारित नाट्य प्रस्तुतियां।
- सांस्कृतिक नृत्य और संगीत कार्यक्रम।
- युवाओं के लिए प्रेरणादायक भाषण।
उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों का योगदान
कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, राज्यसभा सांसद डॉ. दिनेश शर्मा, और लखनऊ की महापौर सुषमा खर्कवाल भी उपस्थित थे। उन्होंने इस आयोजन की सराहना करते हुए इसे अटल जी की स्मृतियों को जीवित रखने का एक अनूठा प्रयास बताया।
डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा,
“अटल जी ने राजनीति को सेवा का माध्यम माना और उनकी नीतियां आज भी हमें प्रेरणा देती हैं। इस आयोजन से युवा उनके जीवन मूल्यों को अपनाने के लिए प्रेरित होंगे।”
युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत
कार्यक्रम में उपस्थित हजारों युवाओं ने जोश और उमंग के साथ भाग लिया।
मुख्यमंत्री ने युवाओं से कहा,
“अटल जी ने अपने जीवन में सदैव एकता, समर्पण और निष्ठा का परिचय दिया। यदि युवा इन्हीं आदर्शों को अपनाएं, तो वे अपने जीवन में किसी भी ऊंचाई को छू सकते हैं।”
राजनाथ सिंह ने भी युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि अटल जी ने अपने जीवन में कभी भी सिद्धांतों से समझौता नहीं किया और यही कारण है कि वे हर वर्ग के लोगों के बीच लोकप्रिय थे।
समापन: एक नई शुरुआत
‘अटल युवा महाकुम्भ’ ने न केवल अटल बिहारी वाजपेयी जी के योगदान को याद किया, बल्कि युवाओं को उनके विचारों और आदर्शों से प्रेरित भी किया।
कार्यक्रम ने एक नई पीढ़ी को यह संदेश दिया कि यदि वे संगठित होकर कदम से कदम मिलाकर चलें, तो वे न केवल अपने जीवन को सफल बना सकते हैं, बल्कि समाज और देश की प्रगति में भी अहम भूमिका निभा सकते हैं।
इस तरह, अटल जी के जन्म शताब्दी वर्ष के इस आयोजन ने एक नई ऊर्जा और सकारात्मकता का संचार किया, जो लंबे समय तक युवाओं को प्रेरित करता रहेगा।