Maha Kumbh 2025: पंडालों ने बढ़ाई महाकुंभ मेले की रौनक

महा कुम्भ 2025 के शुभारंभ से पहले ही संतों के पंडालों ने मेले की रौनक में चार चांद लगा दिए हैं। पवित्र गंगा के किनारे बसने वाला यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि कला और संस्कृति का भी अद्भुत संगम है। सेक्टर-नौ में गंगेश्वर नाथ मार्ग के पास श्रीनिरंजनी अखाड़ा के पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद के शिविर ने अपनी विशेष भव्यता और डिजाइन से सबका ध्यान आकर्षित किया है।

केदारनाथ और बद्रीनाथ के स्वरूप

श्रीनिरंजनी अखाड़ा के शिविर को ऐसा भव्य रूप दिया गया है कि यह एक ही स्थान पर केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम के दर्शन कराता है।

शिविर की मुख्य विशेषताएं

मुख्य द्वार को केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम का स्वरूप दिया गया है। केदारनाथ धाम का द्वार 70 फीट ऊंचा है, जबकि बद्रीनाथ धाम का द्वार 50 फीट ऊंचा है। शिविर का क्षेत्रफल 1,000 × 500 स्क्वायर फीट में फैला है। इसके निर्माण में 9,000 बांस बल्लियों और 10,000 मीटर सुनहरे कपड़े का उपयोग किया गया है। अहमदाबाद, गुजरात की विशेषज्ञ टीम ने इस भव्य निर्माण को तैयार किया है। पश्चिम बंगाल के कारीगरों ने इसे अपनी कुशलता से सजाया है।

शिविर के भीतर का दृश्य

मुख्य द्वार से भीतर प्रवेश करते ही एक कोटयार्ड मिलेगा। यहां आगंतुकों के लिए आरामदायक व्यवस्था के साथ धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। कथा पंडाल को भव्य स्वरूप में सजाया गया है, जो मेले की दिव्यता को और बढ़ाता है।

शिविर में प्रमुख आयोजन

सात जनवरी : धर्मध्वजा का पूजन होगा, जो मेले की आधिकारिक शुरुआत का प्रतीक होगा।

दस जनवरी : आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद का स्वागत भव्य पेशवाई के साथ किया जाएगा।

चौदह जनवरी : सांसद मनोज तिवारी के संयोजन में सांस्कृतिक गतिविधियों का शुभारंभ होगा।

उन्नीस जनवरी : प्रसिद्ध कथावाचक मृदुल कृष्ण गोस्वामी अपनी कथा से भक्तों को आनंदित करेंगे।

अट्ठाईस जनवरी : प्रख्यात गायक शंकर महादेवन अपनी प्रस्तुति देंगे।

इकतीस जनवरी : कैलाशानंद गिरि की श्रीमद्भागवत कथा आरंभ होगी।

महाकुंभ में इंफ्रास्ट्रक्चर की तैयारी

mahakumbh mela 2025
mahakumbh mela 2025

महाकुंभ की विशाल भीड़ को ध्यान में रखते हुए अस्थायी स्टील ब्रिज का निर्माण किया गया है। यह ब्रिज मेले के प्रबंधन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। ब्रिज की लंबाई 450 मीटर और चौड़ाई दो लेन है। इसके निर्माण में 4,500 टन लोहे का प्रयोग हुआ है और इसकी लागत लगभग 30 करोड़ रुपये है। तीन किमी लंबे एप्रोच रोड का भी निर्माण किया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस ब्रिज का दो जनवरी को उद्घाटन करेंगे।

सिक्सलेन पुल का कार्य प्रगति पर

गंगा नदी पर 1,948 करोड़ रुपये की लागत से सिक्सलेन पुल का निर्माण हो रहा था, लेकिन समय पर पूरा न होने के कारण स्टील ब्रिज को विकल्प के रूप में तैयार किया गया। यह अस्थायी ब्रिज मेले के सुचारू संचालन में मदद करेगा।

महाकुंभ मेले की सांस्कृतिक और धार्मिक महत्ता

महा कुंभ 2025 न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और धरोहर को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करने का भी माध्यम है। लाखों श्रद्धालु और पर्यटक यहां एकत्रित होकर गंगा की पवित्रता और संतों के आशीर्वाद का लाभ उठाते हैं।

पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए विशेष सुविधाएं

भव्य पंडाल और छावनी व्यवस्था की गई है। मेले के प्रमुख स्थलों पर साइनबोर्ड और निर्देश लगाए गए हैं। स्वच्छता और सुरक्षा के लिए विशेष टीम की तैनाती की गई है। सार्वजनिक शौचालय और पेयजल की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।

Leave a Comment